मुसलमान कुर्बानी क्यों करते है ? बकरा ईद क्यों मनाते है इस दिन क्या हुआ था
‘कुर्बानी का महत्व ‘
इस्लाम में
जिंदगी की यात्रा में मनुष्य को संसार में बहुत-सी चीजों की आवश्यकता पड़ती है, किन्तु यह सभी चीजें वह बिना किसी कुर्बानी (कुछ अर्पण किए) के प्राप्त नहीं कर सकता |
मकसद जितना बड़ा होता है,कुर्बानी भी उतनी बड़ी होनी चाहिए | कुर्बानी का इतिहास उतना पुराना है,जितना मनुष्य का इतिहास |समय-समय पर महापुरुषों,अवतारों और पीरों ने मानवता की भलाई के लिए कुर्बानियां दी |
कुर्बानी की रस्म प्राचीन समय से चली आ रही है | इस्लाम धर्म में मानवता के मार्गदर्शन के लिए सभी नबियों (अवतारों)और रसूलों ने कई तरह की कुर्बानियां दी है ईश्वर की रज़ा (ख़ुशी) प्राप्त की |यहाँ तक कि इस्लाम के अंतिम पैगम्बर हज़रत मोहम्मद (सल.) का पूरा जीवन कुर्बानियों से भरा पड़ा है |
कुर्बानी से शिक्षा : कुर्बानी हमें हर प्यारी चीज़ का त्याग सिखाती है | यह इंसान के दिल में ईश्वर की मोहब्बत पैदा करती है | हर साल कुर्बानी हमें याद दिलाती है कि हालात कुछ भी हों,हमें ईश्वर कि नाफरमानी नहीं करनी चाहिए और बुराइयों के विरुद्ध हर प्रकार की कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटना चाहिए |
इतिहास से पता चलता है कि बिना कुर्बानी दिए कुछ हाथ नहीं आता और न ही आएगा |
अनम अंसारी