Thursday, September 28, 2023
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वीर-मालती

शब्दों के जादूगर, वीरों के राजा

“वीरेंद्र सिंह”, हुए मंत्रमुग्ध 

सुगंधित फूलों की लता पर

थामा हाथ, दिया वचन

रहेंगे जीवन भर साथ हम

सुन “मालती” हुई मुग्ध, मंद-मंद मुस्काई।

ले चलोगे अब तुम जहां पिया, मैं संग तुम्हारे आई।।

तुम गीत बनो मैं साज़ बनूं, यह मंगल बेला आई।

झूम उठी धरती सारी, “28 मई” को बजी शहनाई।।

रहे सलामत

dr virendra singh
Dr Virendrav Singh

सावित्री-फुले, रमा-अंबेडकर जैसी जोड़ी 

“आर एस सुमन” दे बधाई

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