Thursday, September 28, 2023
spot_img
Homeकही हम भूल ना जायेFatima Shaikh Biography - फातिमा शेख

Fatima Shaikh Biography – फातिमा शेख

फातिमा शेख

फातिमा शेख

फातिमा शेख एक मुस्लिम परिवार में से थी, जिनका जन्म महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ। अपने जीवन में कई समस्याओं को पार करते हुए अपने कार्य में जुटी रहीं। उन्होंने सावित्रीबाई फुले के साथ लोगों को शिक्षित करने का निर्णय लिया ताकि आने वाले भविष्य में लोग पढ़े-लिखे समाज का विकास करें। अपने कार्य में मगन होते हुए फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले ने 1848 में लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल शुरू किया जिसका नाम उन्होंने स्वदेशी पुस्तकालय रखा।

समाज के कुछ वर्ग के लोग इस कार्य के खिलाफ थे, लेकिन फातिमा ने लोगों को शिक्षित करने का संकल्प लिया। उन्होंने लोगों के घर-घर जाकर उन्हें शिक्षा का महत्व सिखाया और यह बताया कि आने वाले समय में शिक्षा का क्या महत्व होगा। कई बच्चों का जीवन उजागर करने के साथ-साथ फातिमा शेख ने कई समाज सुधारक कार्य किए।

ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जब महिलाओं को शिक्षित करने का प्रयास कर रहीं थीं, तब कुछ कट्टरपंथियों द्वारा महिलाओं को शिक्षित करने की इस मुहीम को पसंद नहीं किया गया। फातिमा शेख मुस्लिम मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में भी पढ़ाने जाती थी और परिवारों को स्त्री शिक्षा के महत्व के बारे में बताती थी।

इस दौरान उन्हें हिंदुओं और मुसलमानों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। फातिमा शेख पहली भारतीय मुस्लिम शिक्षिका थी, जो सामाजिक सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही थीं। मुसलमानों को एक सूत्र में बाँधकर फुले दंपति के कार्य में अहम योगदान दिया।

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने फातिमा शेख के 191 वीं जयंती पर उनको एक खास सम्मान दिया। गूगल ने फातिमा शेख के 191 वीं जयंती पर गूगल डूडल देकर भारतीय संस्कृति और फातिमा शेख को याद किया। सम्मान की हकदारएक मुस्लिम महिला होकर फातिमा शेख ने दलितों, लड़कियों व पिछड़े समाज के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन इतिहास के पन्नों में उन्हें इतना सम्मान नहीं मिल पाया है जिसकी वह हकदार हैं। आज अगर भारत में महिलाएं पढ़-लिख रहीं हैं, तो उसका श्रेय सिर्फ सावित्रीबाई फुले को ही नहीं बल्कि फातिमा शेख को भी जाना चाहिए। राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है, लेकिन इन दोनों महान समाज सुधारकों के साथ ही फातिमा शेख को भी वर्तमान समय में पहचान मिलनी चाहिए। महान समाज सुधारक फातिमा शेख के साहस , संघर्ष और समर्पण को हम शत-शत नमन करते हैं।

माता सावित्रीबाई फुले को क्रांति ज्योति के नाम से जाना जाता है, लेकिन आप फातिमा शेख को किस नाम से पुकारेंगे?

रविंदर सिंह सुमन

रविंदर सिंह सुमन

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments